सीतारामगुणग्रामपुण्यारण्यविहारिणौ। वन्दे विशुद्धविज्ञानौ कबीश्वरकपीश्वरौ।।4।। उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्। सर्वश्रेयस्करीं सीता...Read More
जय श्रीमन्नारायण, ठुकरा के उस ने मुझे कहा की मुस्कुराओ | मैं हंस दिया आखिर सवाल उसकी ख़ुशी का था || मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं | ...Read More
Reviewed by Swami Shri Dhananjay ji Maharaj.
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7:37 AM
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