यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुत: स्तुन्वन्ति दिव्यै: स्तवै- र्वेदै: साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगा:। ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति ...Read More
हर एक से अच्छी बात करना ये फितरत है हमारी ! हर एक व्यक्ति खुश रहे ये हसरत है हमारी !! कोई हमें याद करे या ना करे ! हर एक को याद करना आदत है ...Read More
Reviewed by Swami Shri Dhananjay ji Maharaj.
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11:33 PM
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