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श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ तृतीयोऽध्यायः- कर्मयोग।।।

9:34 PM
(ज्ञानवान और भगवान के लिए भी लोकसंग्रहार्थ कर्मों की आवश्यकता) स्वामी धनञ्जय महाराज.  http://www.sansthanam.com/ यस्त्वात्मरतिरेव स्यादात...Read More

गीता महत्व - श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ तृतीयोऽध्यायः- कर्मयोग ।।

9:23 PM
(ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण) स्वामी धनञ्जय महाराज.  http://www.sansthanam.com/   ...Read More

गीता महत्व - श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ द्वितीयोऽध्यायः- सांख्ययोग ।।।

9:42 PM
(स्थिरबुद्धि पुरुष के लक्षण और उसकी महिमा) स्वामी धनञ्जय महाराज. http://www.sansthanam.com/ अर्जुन उवाच:- स्थितप्रज्ञस्य का भाषा समाध...Read More

गीता महत्व - श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ द्वितीयोऽध्यायः- सांख्ययोग ।।।।

4:33 AM
(कर्मयोग का विषय) = Swami Dhananjay Maharaj.   एषा तेऽभिहिता साङ्‍ख्ये बुद्धिर्योगे त्विमां श्रृणु । बुद्ध्‌या युक्तो यया पार्थ कर्मबन्ध...Read More

गीता महत्व - श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ द्वितीयोऽध्यायः-- सांख्ययोग ।।

9:47 PM
( क्षत्रिय धर्म के अनुसार युद्ध करने की आवश्यकता का निरूपण ) स्वामी धनञ्जय महाराज.  http://www.sansthanam.com/   स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न व...Read More

गीता महत्व - श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ द्वितीयोऽध्यायः- सांख्ययोग ।।

5:03 AM
( सांख्ययोग का विषय )  स्वामी धनञ्जय महाराज.   श्री भगवानुवाच:- अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे । गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति...Read More

गीता महत्व - श्रीमद्‍भगवद्‍गीता - अथ द्वितीयोऽध्यायः- सांख्ययोग ।।

4:59 AM
( अर्जुन की कायरता के विषय में श्री कृष्णार्जुन-संवाद ) स्वामी धनञ्जय महाराज. संजय उवाच:- तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्‌ । विष...Read More

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता » अथ प्रथमोऽध्यायः- अर्जुनविषादयोग- (मोह से व्याप्त हुए अर्जुन के कायरता, स्नेह और शोकयुक्त वचन )‏

6:05 AM
स्वामी धनञ्जय महाराज. http://www.sansthanam.com/ अर्जुन उवाच:- दृष्टेवमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्‌ ॥ सीदन्ति मम गात्राणि मुख...Read More