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इसलोक के सम्पूर्ण सुखों के साथ परलोक की प्राप्ति का एकमात्र मार्ग सही उपदेशक ही दिखा सकता है ।।

इसलोक के सम्पूर्ण सुखों के साथ परलोक की प्राप्ति का एकमात्र मार्ग सही उपदेशक ही दिखा सकता है ।। ihalok And Paralok Ka Sukh Sant Hi Dikha Sakata Hai.


जय श्रीमन्नारायण,

मित्रों, मैंने जीवन पर्यन्त लोगों को यही समझाने का प्रयत्न किया है लोगों को । लेकिन लोग समझने का प्रयत्न ही नहीं करते, कि हम शरीरी जरुर हैं । लेकिन आश्रय शरीर ही है ।।

अगर हमारा शरीर नहीं, तो हमारे लिए इस शरीरी का भी कोई मोल नहीं । शरीर है, तभी हम कुछ भी देख, सुन या अनुभव कर सकते हैं । यहाँ तक कि तर्क वितर्क भी और इसके माध्यम से उस परम ज्ञान तक पहुँचने का मार्ग भी ढूंढ़ सकते हैं ।।

कर्म का मार्गदर्शन करने - कराने के लिए ब्राह्मण और शास्त्र हैं । जिसके आश्रय से कर्म अर्थात सत्कर्म के जरिये हम जीवन के सम्पूर्ण सुखों का उपभोग करने के उपरांत परम लोक को प्राप्त कर पाएंगे ।।

अन्यथा खुद भटकने और दूसरों को भटकाने वालों कि कमी थोड़े ही है इस दुनियां में । इसके लिए बहुत बड़े गुरु घंटाल कि कोई विशेष आवश्यकता नहीं है । साधारण कर्मकांडी ब्राह्मण भी कम ज्ञानी नहीं होते ।।

हम उनको सम्मान नहीं देते, ये हमारी कमजोरी है उनकी नहीं । इसलिये कभी-भी गुरु बनाओ तो किसी विद्वान् वैदिक ब्राह्मण को जो तुम्हें आवश्यकता के अनुसार सही सलाह दे सके ।।



नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।


जय जय श्री राधे ।।
जय श्रीमन्नारायण ।।

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