स्वामी धनञ्जय महाराज. धृतराष्ट्र उवाच:- धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः । मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ अर्थ : धृतराष्ट...Read More
श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय - १. ( दोनों सेनाओं के प्रधान-प्रधान शूरवीरों की गणना और सामर्थ्य का कथन )
Reviewed by Swami Shri Dhananjay ji Maharaj.
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6:23 AM
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