जरा टूटे हुए दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो ।।
जरा टूटे हुए दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो ।। Jara Tute Huye Dil Ke Tukade To Utha Lene Do.
जय श्रीमन्नारायण,
प्यारे कन्हैया, प्यारे कान्हा जी !
मैं तुम्हें इतने प्यार से बुलाता हूँ, कभी भूलकर ही सही “आ भी जाओ प्यारे” ।।
प्यारे ! आंसू बहे तो एहसास होता है ।
आपके बिना जीवन कितना उदास होता है ।।
आप सदा ही चाँद की तरह चमकते रहें ।
आपकी याद भी कहाँ हर किसी के पास होता है ।।
हकीकत बयां करूँ तो प्यारे ! मैं आपके इन्तजार में हूँ ।
पर क्या करूँ? अटक सा गया हूँ, नए रिश्तों की दीवार में हूँ ।।
कभी-कभी सोंचता हूँ प्यारे !
मुझे समझने का दौर कभी क्यूँ नहीं होता ?
मुझसा मजबूर कभी तूं क्यूँ नहीं होता ?
क्या फ़र्क़ है तेरी वफ़ा और मेरी वफ़ा में ?
मुझे बेहिसाब है, पर तुझे दर्द क्यूँ नहीं होता ?।।
मुद्दतों तक आपकी तलाश जारी रख्खी ।
आपके दीदार की दिल में आस बनाये रख्खी ।।
उम्मीद का दिया कभी बुझने नहीं दिया ।
परन्तु किस्मत ने क्यों मेरी जिंदगी उदास रख्खी ।।
ढूंढ़ ही लेता है मुझे दर्द किसी ना किसी बहाने से ।
वाकिफ हो गया है ये दर्द भी मेरे हर ठिकाने से ।।
जिंदगी साथ छोड़ ही देगी एक-न-एक दिन प्यारे !
याद करता हूँ, टूटे दिल के टुकड़ों को उठाने के बहाने से ।।
नाराज़ मत हो प्यारे ! चले जाएंगे तुम्हारी ज़िन्दगी से ।
जरा टूटे हुए दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो ।।
कभी तो आ भी जाओ प्रियतम ! क्योंकि प्यारे ! आपके बिना हमारा कोई आस्तित्व ही नहीं बचता ।।
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जय जय श्री राधे ।।
जय श्रीमन्नारायण ।।
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