आरजू ये है की उनकी एक नजर मुझे भी देखा करे ।।
आरजू ये है की उनकी एक नजर मुझे भी देखा करे ।। Aarazun Ye Hai Ki Unaki Ek Nazar Mujhe Bhi Dekha Kare.
जय श्रीमन्नारायण,
प्यारे कन्हैया, प्यारे कान्हा जी !
मैं तुम्हें इतने प्यार से बुलाता हूँ, कभी भूलकर ही सही "आ भी जाओ प्यारे" ।।
दिल में है जो दर्द वो बताएं किसे ।
हंसते हुए ये ज़ख्म दिखाएँ किसे ।।
कहती है ये दुनियाँ हमें खुश नसीब ।
मगर इस नसीब की दास्ताँ बताएं किसे ।।
इस तरह मेरी तरफ मेरा कन्हैया देखे ।
दर्द दिल में ही रहे और दवा हो जाए ।।
जिंदगी को मिले कोई हुनर ऐसा भी ।
सबमे मौजूद भी हो और फना हो जाए ।।
दिल में उम्मीद की समां जला रखी है ।
हमने अपनी अलग दुनिया बसा रखी है ।।
इस उम्मीद के साथ की आएंगे वो कभी ।
हमने हर राह पर अपनी पलकें बिछा रखी है ।।
आरजू ये है की उनकी एक नजर मुझे भी देखा करे ।
वही अपने सामने हो हम जिधर देखा करे ।।
एक तरफ हो सारी दुनिया एक तरफ तेरी सूरत हो ।
हम तुझे दुनिया से होकर बेखबर देखा करे ।।
हमारी हर ख़ुशी का एहसास तुम्हारा हो ।
तुम्हारे हर गम का दर्द हमारा हो ।।
मर भी जाये तो हमें कोई गम नहीं ।
बस आखिरी वक़्त साथ तुम्हारा हो ।।
कभी कभी हमें भी यूँ ही याद कर लिया करो ।
हमें भी देख कर कभी मुस्कुरा दिया करो ।।
माना की तुम्हें कमी नहीं है मानने वालों की ।
लेकिन हमें भी कभी अपनी दुआ में शामिल कर लिया करो ।।
काश तुम मुझे एक खत लिख देते ।
मुझमे क्या क्या थी कमी ये तो बता देते ।।
तड़पते दिल से मेरे तुमने दुरी क्यों की ।
इस दुरी की ही सही मुझे वजह तो बता देते ।।
कभी तो आ भी जाओ प्रियतम ! क्योंकि प्यारे ! आपके बिना हमारा कोई आस्तित्व ही नहीं बचता ।।
No comments
Note: Only a member of this blog may post a comment.