Breaking News

सभी के लिये अच्छे ही नहीं बल्कि अन्दर से सच्चे बनें ।।

सभी के लिये अच्छे ही नहीं बल्कि अन्दर से सच्चे बनें ।। Hridaya Se Sabhi ke liye Sachche Bane.

जय श्रीमन्नारायण,

मित्रों, जीवन में ऐसा सभी के साथ होता है, कि हमारे नजदीकी मित्रों, रिश्तेदारों या परिचितों को किसी खास मौके पर पैसों की जरूरत होती है ।।

bhagwat Katha, Shrimad bhagwat Katha, Shreemad bhagwat Katha, free bhagwat Katha, bhagwat Katha By Swami Dhananjay Maharaj, bhagwat Katha By Swami Shri Dhananjay Ji Maharaj, bhagwat Katha By Swami Ji Maharaj,

ऐसे में वे हमसे आर्थिक मदद की उम्मीद करते हैं । उस वक्त हमारे पास उनकी मदद करने की क्षमता नहीं होती लेकिन हम उन्हें स्पष्ट मना भी नहीं कर पाते हैं ।।

मित्रों, हम उन्हें कहते हैं, मैं एक-दो दिन में जवाब देता हूं । लेकिन जिस क्षण हमसे पूछा जाता है, कि क्या हम उनकी मदद कर पाएंगे ? मूलतः उसी क्षण हमें अपनी स्थिति के बारे में पता होता है ।।

Bhagwat pravakta swami dhananjay maharaj

परन्तु हम अपने प्रियजनों को अंधेरे और उजाले के बीच छोड़ देते हैं । अगली बार जब वे संपर्क करते हैं तो हम बचने की कोशिश करने लगते हैं ।।

मित्रों, हममे से कई लोग तो कई बार तो बहाने बनाने लगते हैं । इस तरह हम खुद के लिए अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं और दूसरे को भी झूठा भरोसा दिलाते हैं ।।

इस पूरी दुविधा की वजह यही है, कि हम दूसरों की नजर में अच्छे बने रहना चाहते हैं । दूसरों की नजर में अच्छे बने रहने के कारण हम सच नहीं बोलते और अपने लिए मुश्किल स्थितियां पैदा कर लेते हैं ।।

अच्छा बने रहने के कारण ही कुछ लोग दफ्तरों में अपने तय काम से ज्यादा काम करते रहते हैं । ऐसे में तनावपूर्ण जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं ।।

Shrimad Bhagwat Katha

नारायण सभी का नित्य कल्याण करें । सभी सदा खुश एवं प्रशन्न रहें ।।


जय जय श्री राधे ।।
जय श्रीमन्नारायण ।।

No comments

Note: Only a member of this blog may post a comment.