स्वामी श्री धनञ्जय जी महाराज !!: जय श्रीमन्नारायण,न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर...
स्वामी श्री धनञ्जय जी महाराज !!:
जय श्रीमन्नारायण,
न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर...: जय श्रीमन्नारायण, न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर्मफले स्पृहा । इति मां योऽभिजानाति कर्मभिर्न स बध्यते ॥गीता --- अ.४/श्लोक.१४. अर्थ : ...
हर एक से अच्छी बात करना ये फितरत है हमारी !हर एक व्यक्ति खुश रहे ये हसरत है हमारी !!कोई हमें याद करे या ना करे !हर एक को याद करना आदत है हमारी !!
जय श्रीमन्नारायण,
न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर...: जय श्रीमन्नारायण, न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर्मफले स्पृहा । इति मां योऽभिजानाति कर्मभिर्न स बध्यते ॥गीता --- अ.४/श्लोक.१४. अर्थ : ...
हर एक से अच्छी बात करना ये फितरत है हमारी !हर एक व्यक्ति खुश रहे ये हसरत है हमारी !!कोई हमें याद करे या ना करे !हर एक को याद करना आदत है हमारी !!
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