Jagad Guru Shri Tridandi Swami ji & Shri Jiyar Swami ji Ki Aarati.
Swami Shri Dhananjay ji Maharaj.
जय श्रीमन्नारायण,
बामाङ्गिनी च कमला सुदयेश लक्ष्मि - नारायणस्य चरणौ शरणं प्रपद्ये !!
"काषायं यज्ञ सूत्रं सुचिवपुषितथा चोर्ध्व पूण्ड्रम् च भाले !!
यस्यास्ते दक्ष हस्ते कलि कुमति गिरिन्द्रेन्द्र वज्रं त्रिदण्डं !!
संसाराग्नि प्रशान्तये भृतजलममलं दारुपात्रं पवित्रं !!
श्री विष्वक्सेन सूरेः पदकमल युगं श्रेयसे संश्रयामि !!
काषाय शोभि कमनीय वरं त्रिदण्डं, सेनेश योगी पदपङ्कज भृङ्ग राजं !!
जगमग जगमग ज्योति जगी है गुरुवर आरती होने लगी है ।
तृण के भवन फलक सिँहासन, ता पर राजत जगत प्रकाशन ।
देखी छवि मति प्रेम पगी है ।। गुरुवर आरती होने लगी है ।
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है ।
गमकत धूप बरत महताबी, ऊर्ध्वपुण्ड्र सुन्दरता फाबी
आनन्द की सरिता उमडी है ।। गुरुवर आरती होने लगी है ।
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है ।
एके करहिँ त्रिदण्ड विराजे, दूजे करहिँ कमण्डलु राजे !!
दर्शन से भवभीती भगी है । गुरुवर आरती होने लगी है ।.
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है ।
भक्त वृन्द तव चरण परतु हैँ, निज निज वाच्छित फलहिँ लहतु हैँ !!
चरण कमल मेँ आशा लगी है ।। गुरुवर आरती होने लगी है ।।
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है !!!
श्री परम गुरुदेव जी कि आरती :-
जगमग जगमग ज्योति जगी है गुरुवर आरती होने लगी है ।
तृण के भवन फलक सिँहासन, ता पर राजत जगत प्रकाशन ।
देखी छवि मति प्रेम पगी है ।। गुरुवर आरती होने लगी है ।
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है ।
गमकत धूप बरत महताबी, ऊर्ध्वपुण्ड्र सुन्दरता फाबी
आनन्द की सरिता उमडी है ।। गुरुवर आरती होने लगी है ।
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है ।
एके करहिँ त्रिदण्ड विराजे, दूजे करहिँ कमण्डलु राजे !!
दर्शन से भवभीती भगी है । गुरुवर आरती होने लगी है ।.
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है ।
भक्त वृन्द तव चरण परतु हैँ, निज निज वाच्छित फलहिँ लहतु हैँ !!
चरण कमल मेँ आशा लगी है ।। गुरुवर आरती होने लगी है ।।
जगमग जगमग ज्योति जगी है, गुरुवर आरती होने लगी है !!!
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