रामनवमी को हमें मर्यादा दिवस के रूप में मनाना चाहिए । Swami Dhananjay Maharaj.
जय श्रीमन्नारायण,
Swami Dhananjay Maharaj.
मित्रों, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अवतरण के इस दिवस की आप सभी भगवद्भक्तों एवं वैष्णवों को हार्दिक शुभकामना ।।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवानश्री राम के इस अवतरण दिवस को हमें मर्यादा दिवस के रूप में मनाना चाहिए । जीवन के उत्तम आदर्श एवं मर्यादा को अपने जीवन में जीकर आदर्श प्रस्तुत करनेवाले परमात्मा की हमारी पूजा बन जाएगी ये दिन ।।
जब हम दिन मर्यादा दिवस के रूप में मनाना शुरू करेंगे, तब यह माना जा सकता है, कि केवल अपने लिए ही नहीं, अपितु पूरे मानव समाज के हित तथा अपने देश हित के लिए मर्यादा क्या है ? एवं समाज में उसकी भूमिका क्या होती है ? एक बहुत बड़ा सन्देश जायेगा । तथा जो समाज एवं देश के प्रति जिम्मेदारियों की केवल बातें करते हैं उन्हें समझ में आएगा की किसी भी विषय पर केवल बातें करनी पर्याप्त नहीं होती बल्कि उसे जीना पड़ता है ।।
जो लोग इस विषय को लेकर संघर्षरत हैं तथा जिससे सबकी उन्नति भी प्रशस्त होती है, तथा जो पूर्ण रूप से सम्मान का पात्र है । जिन्हें मानव हित में किये गए कार्य से ही अपार आत्म संतोष प्राप्त होता है, और अपने जीवन की सार्थकता भी सुनिश्चित होती है । ऐसे कार्यों में तथा ऐसे कार्यों में रत व्यक्तियों के लिए भी एक बहुत बड़ा सहयोग हो जायेगा ।।
भगवान नारायण और माता महालक्ष्मी सभी को सद्बुद्धि दें ।।
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जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम् ।।
।। नमों नारायण ।।।।
Swami Dhananjay Maharaj.
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवानश्री राम के इस अवतरण दिवस को हमें मर्यादा दिवस के रूप में मनाना चाहिए । जीवन के उत्तम आदर्श एवं मर्यादा को अपने जीवन में जीकर आदर्श प्रस्तुत करनेवाले परमात्मा की हमारी पूजा बन जाएगी ये दिन ।।
जब हम दिन मर्यादा दिवस के रूप में मनाना शुरू करेंगे, तब यह माना जा सकता है, कि केवल अपने लिए ही नहीं, अपितु पूरे मानव समाज के हित तथा अपने देश हित के लिए मर्यादा क्या है ? एवं समाज में उसकी भूमिका क्या होती है ? एक बहुत बड़ा सन्देश जायेगा । तथा जो समाज एवं देश के प्रति जिम्मेदारियों की केवल बातें करते हैं उन्हें समझ में आएगा की किसी भी विषय पर केवल बातें करनी पर्याप्त नहीं होती बल्कि उसे जीना पड़ता है ।।
जो लोग इस विषय को लेकर संघर्षरत हैं तथा जिससे सबकी उन्नति भी प्रशस्त होती है, तथा जो पूर्ण रूप से सम्मान का पात्र है । जिन्हें मानव हित में किये गए कार्य से ही अपार आत्म संतोष प्राप्त होता है, और अपने जीवन की सार्थकता भी सुनिश्चित होती है । ऐसे कार्यों में तथा ऐसे कार्यों में रत व्यक्तियों के लिए भी एक बहुत बड़ा सहयोग हो जायेगा ।।
भगवान नारायण और माता महालक्ष्मी सभी को सद्बुद्धि दें ।।
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