Do all of harmony subdued. Shukra Neeti. Sansthanam.
सद्भाव से सबको वश में करो :--
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"सद्भावेन हरेन्मित्रं सद्भावेन च बान्धवान् ।
स्त्रीभृत्यौ प्रेममानाभ्यां दाक्षिण्येनेतरं जनम् ।।"
(शुक्रनीति--1.174)
अर्थः--सद्भाव से मित्रों के चित्त को वश में करे और सद्भाव से ही बान्धवों (परिवार के सदस्यों) को मुग्ध (प्रसन्न) रखे। स्त्री और भृत्य (नौकर) को प्रेम और मान (सत्कार, इज्जत) से प्रसन्न करे तथा अन्य लोगों को भी उदारता एवं चतुरता से अपने वशीभूत करें ।।
यदि सभी अपने वश में हो जाएँ तो कोई भी कार्य कठिन होगा, सभी कार्य सरलता से हो जाएँगे और ऐसा करने वाला राजा अधिक दिनों तक राज्य कर सकता है । इतना ही नहीं उसका यश भी चारों दिशाओं में फैल जाएगा । इसके ऊपर भी इतिहास वह अच्छा राजा माना जा सकेगा। श्रीराम ऐसे ही राजा थे । सभी प्रजा अधिकारी उनके वश में थे, क्योंकि वे सबको मान-सम्मान और प्रतिष्ठा देते थे । सबसे प्रेमपूर्वक मिलते थे ।।
आप वर्तमान राजनीति को देख लीजिए जो राजा अधिकारियों, नौकरों को तंग करता है, वह भी कभी सुख से नही रह सकता और राज्य भी सुरक्षित नहीं रह सकता । राज्य तो मुख्यतः अधिकारी ही चलाते हैं, अतः अधिकारी को कभी परेशान नहीं करना चाहिए । नौकर भी एक मनुष्य है और वह भी सम्मान की इच्छा रखता है, अतः उसका मान करें । स्त्री तो सदैव हमारी संस्कृति माननीया रही है, उसका मान तो सबसे अनिवार्य है ।।
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"सद्भावेन हरेन्मित्रं सद्भावेन च बान्धवान् ।
स्त्रीभृत्यौ प्रेममानाभ्यां दाक्षिण्येनेतरं जनम् ।।"
(शुक्रनीति--1.174)
अर्थः--सद्भाव से मित्रों के चित्त को वश में करे और सद्भाव से ही बान्धवों (परिवार के सदस्यों) को मुग्ध (प्रसन्न) रखे। स्त्री और भृत्य (नौकर) को प्रेम और मान (सत्कार, इज्जत) से प्रसन्न करे तथा अन्य लोगों को भी उदारता एवं चतुरता से अपने वशीभूत करें ।।
यदि सभी अपने वश में हो जाएँ तो कोई भी कार्य कठिन होगा, सभी कार्य सरलता से हो जाएँगे और ऐसा करने वाला राजा अधिक दिनों तक राज्य कर सकता है । इतना ही नहीं उसका यश भी चारों दिशाओं में फैल जाएगा । इसके ऊपर भी इतिहास वह अच्छा राजा माना जा सकेगा। श्रीराम ऐसे ही राजा थे । सभी प्रजा अधिकारी उनके वश में थे, क्योंकि वे सबको मान-सम्मान और प्रतिष्ठा देते थे । सबसे प्रेमपूर्वक मिलते थे ।।
आप वर्तमान राजनीति को देख लीजिए जो राजा अधिकारियों, नौकरों को तंग करता है, वह भी कभी सुख से नही रह सकता और राज्य भी सुरक्षित नहीं रह सकता । राज्य तो मुख्यतः अधिकारी ही चलाते हैं, अतः अधिकारी को कभी परेशान नहीं करना चाहिए । नौकर भी एक मनुष्य है और वह भी सम्मान की इच्छा रखता है, अतः उसका मान करें । स्त्री तो सदैव हमारी संस्कृति माननीया रही है, उसका मान तो सबसे अनिवार्य है ।।
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