मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, Bhagvan Shri Ram - Ek Aadarsh,
जय श्रीमन्नारायण,
लेकिन जनमानस तो सिर्फ रामजी की पूजा में व्यस्त है, यहाँ तक की हिंसा से भी उसे परहेज नहीं है ! राम सिर्फ एक आदर्श पुत्र ही नहीं, आदर्श पति और भाई भी थे ! आज हम न तो आदर्श पति बन पाते है, और न ही आदर्श पुत्र या भाई बन पाते !!!
जो व्यक्ति संयमित, मर्यादित और संस्कारित जीवन जीता है, मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों की झलक उसी में परिलक्षित हो सकती है ! राम के आदर्श, लक्ष्मण रेखा की उस मर्यादा के समान है, जो लाँघी तो अनर्थ ही अनर्थ, और सीमा की मर्यादा में रहे तो खुशहाल और सुरक्षित जीवन !!!
प्रजा का सच्चा जनसेवक राम जैसा आदर्श सद्चरित्र आज के युग में दुर्लभ जैसा ही प्रतीत होता है ! हमारे आज के जनप्रतिनिधि, जनसेवा की बजाए, स्वसेवा में ज्यादा विश्वास करते हैं ! जबकि भगवान राम ने खुद मर्यादा का पालन करते हुए स्वयं को तकलीफ और दुःख देते हुए प्रजा को सुखी रखा, क्योंकि उनके लिए जनसेवा सर्वोपरि थी !!!
http://sansthanam.blogspot.com
www.dhananjaymaharaj.com
राम जैसे आदर्श और मर्यादा यदि हम सब में आ जाय, तो आज भ्रष्टाचार जैसा कुछ भी, सुनने को भी नहीं मिलता ! राम थे, की नहीं ? ये बात कहने के बजाय, राम के चरित्र को, केवल एक प्रतिशत भी, हमारे देश के नेता अपने जीवन में आत्मसात कर लें, तो हम आज विश्व मंच पर सुशोभित हो जाएँगे !!!!
!!!! नमों नारायण !!!!
!!!! नमों नारायण !!!!
No comments
Note: Only a member of this blog may post a comment.